JNU Attack दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया केस, कई हमलावरों की हुई पहचान - देखे

JNU Attack

जेएनयू JNU Attack में रविवार को छात्रों पर हुए मामले में दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. दिल्ली पुलिस को इस मामले में कई शिकायतें मिली थीं, जिन्हें कल्ब करके एक केस बनाया गया है. पुलिस ने कुछ हमलावरों की पहचान भी कर ली है. पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है. पुलिस ने जेएनयू प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज मांगे हैं. वहीं, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस के जनसम्पर्क अधिकारी (पीआरओ) एम. एस. रंधावा ने छात्रों और शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की.

जेएनयू JNU Attack परिसर में रविवार रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा था. इस हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.

जेएनयू, जामिया और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने चार मांगों के साथ दिल्ली पुलिस के जनसम्पर्क अधिकारी को एक आवेदन सौंपा है.  इसमें घायलों को चिकित्सीय मदद मुहैया कराना और हिंसा में शामिल लोगों की गिरफ्तारी की मांग शामिल है.

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजीब रे ने कहा, ‘पुलिस ने हमें आश्वासन दिया है कि वह मामले की जांच करेगी और हमारी मांगों पर गौर करेगी.' छात्रों ने पुलिस के जेएनयू परिसर से जाने की मांग भी की है. इससे पहले पुलिस ने कहा था कि हिंसा के बाद अब जेएनयू में स्थिति शांतिपूर्ण है.

प्रत्यदर्शियों ने आरोप लगाया है कि हमलावर जेएनयू JNU Attack परिसर में तब घुसे जब जेएनयू शिक्षक संघ परिसर में हिंसा और छात्रों तथा प्रोफेसरों पर हमलों के मुद्दे पर बैठक कर रहे थे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वे तीन छात्रवासों में भी घुसे. कुछ टीवी चैनलों पर दिखाई जा रही फुटेज में पुरुषों का एक समूह हाथ में हॉकी और लोहे की छड़ें लिए एक इमारत के पास नजर आ रहा है.

वाम नियंत्रित जेएनयूएसयू और आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी इस हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इस बीच, मुम्बई में विभिन्न कॉलेजों के छात्र रविवार देर रात जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध में ‘गेटवे ऑफ इंडिया' पर एकत्र हुए. जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और कुणाल कामरा समूह का हिस्सा थे, जिन्होंने जेएनयू के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मोमबत्ती जलाईं.